(एजेन्सी)/अमेरिका। डोनाल्ड ट्रंप ने अमेरिका के 47वें राष्ट्रपति के तौर पर शपथ ले ली है। 47वें राष्ट्रपति के तौर पर शपथ लेते ही उन्होंने कई महत्वपूर्ण फैसले किए।
चुनाव जीतने के बाद ट्रंप ने जो भी ऐलान किए थे, उसे अब वो कुछ हद तक पूरा करते हुए नजर आ रहे हैं। लेकिन ट्रंप के एक फैसले से प्रेग्नेंट महिलाएं अस्पतालों में पहुंचने लगी हैं। ये महिलाएं समय से पहले डीलिवरी के लिए अस्पताल में फॉर्म साइ कर रही हैं। ट्रंप के नए आदेश के अुसार जो बच्चे 20 फरवरी के बाद जन्म लेंगे उन्हें अमेरिका की जन्मजात नागरिकता नहीं मिलेगी। इसी के चलते कई परिवार चाहते हैं कि उनके बच्चे 20 फरवरी से पहले जन्म ले और बर्थराइट सिटिजनशिप हासिल करें। ट्रम्प ने शपथ लेने के बाद अवैध प्रवासियों की एंट्री बैन करने के अलावा जन्मजात नागरिकता (बर्थराइट सिटीजनशिप) को खत्म करने को लेकर भी एग्जीक्यूटिव आॅर्डर जारी किया है। एग्जीक्यूटिव आॅर्डर वह आदेश होते हैं, जिन्हें राष्ट्रपति जारी करते हैं। उनका यह आदेश कानून बन जाता है जिसे कांग्रेस की मंजूरी की जरूरत नहीं होती। कांग्रेस इन्हें पलट नहीं सकती।
टाइम्स आॅफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, न्यू जर्सी के एक मैटरनिटी क्लिनिक के डॉ. एसडी रामा ने बताया कि ट्रंप के बर्थराइट के 14वें संशोधन में बदलाव करने के कदम के चलते वक्त से पहले बच्चों की डिलीवरी कराने के लिए लंबी लाइन लग गई है। रमा के क्लिनिक में कतार में लगने वालों में से अधिकांश भारतीय महिलाएं हैं जो गर्भावस्था के आठवें या नौवें महीने में हैं, वे सभी 20 फरवरी से पहले सी-सेक्शन निर्धारित करने के लिए कह रही हैं। जिससे 20 फरवरी से पहले उनकी डिलीवरी हो जाए और उनके बच्चों को जन्मजात अमेरिका की नागरिकता मिल जाए।