संजना भारती संवाददाता
चंडीगढ़। हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि बढ़ती जनसंख्या को ध्यान में रखते हुए संपूर्ण हरियाणा में अग्निशमन केंद्रों की आवश्यकता का आंकलन किया जाए ताकि आवश्यकतानुसार नए फायर स्टेशनों की स्थापना सुनिश्चित की जा सके।
मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी यहां सीएम घोषणाओं की प्रगति की समीक्षा हेतु आयोजित बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा कि मोरनी जैसे पहाड़ी क्षेत्रों में स्थानीय निवासियों को सड़क, बिजली और पानी की उपलब्धता सुनिश्चित करना राज्य सरकार की प्राथमिक जिम्मेदारी है। भले ही किसी क्षेत्र में एक ही घर हो, संबंधित विभाग वहां मूलभूत सुविधाएं प्रदान करने के लिए आवश्यक कार्रवाई सुनिश्चित करें ताकि किसी भी निवासी को असुविधा का सामना न करना पड़े।
बैठक में श्री नायब सिंह सैनी ने प्रदेश को बेसहारा गोवंश मुक्त बनाने के लिए विशेष अभियान चलाने के निर्देश दिए। उन्होंने पशुपालन एवं डेयरी विभाग को शहरी स्थानीय निकाय विभाग और गौ सेवा आयोग के साथ समन्वय करते हुए मिशन मोड में कार्य करने के निर्देश दिए ताकि दो माह के भीतर सभी बेसहारा गोवंश को सड़कों और सार्वजनिक स्थलों से हटाकर गौशालाओं में संरक्षित किया जा सके।
मुख्यमंत्री ने पशुपालन एवं डेयरी विभाग की घोषणाओं की समीक्षा करते हुए बताया कि पंचकूला, पानीपत और हिसार जिलों में नंदीशालाएँ स्थापित की जा चुकी है। शेष जिलों में भी इस दिशा में कार्य में तेजी लाई जाए। इसके लिए विभाग द्वारा कॉपोर्रेट सोशल रेस्पोंसिबिलिटी (उरफ) के तहत नंदीशालाओं की स्थापना के लिए संभावनाएं तलाशी जाएँ। साथ ही, पहले से स्थापित सभी नंदीशालाओं में एक-एक वेटरनरी क्लिनिक की स्थापना सुनिश्चित की जाए, जहां विजिटिंग पशु चिकित्सक की उपलब्धता भी सुनिश्चित हो।
सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग की घोषणाओं की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि विकास कार्यों को तीव्र गति से और गुणवत्ता के साथ पूर्ण किया जाए ताकि आमजन को इन कार्यों का प्रत्यक्ष लाभ मिल सके। उन्होंने कहा कि कलेसर क्षेत्र से यमुना नदी के जल को चैनल के माध्यम से पंचकूला सहित अन्य स्थानों तक लाने के लिए सर्वेक्षण कार्य प्रारंभ किया जाए, जिससे माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नदी जोड़ो अभियान को मूर्त रूप प्रदान करते हुए जल का उपयोग कृषि सहित अन्य कार्यों में किया जा सके। मुख्यमंत्री ने कृषि एवं किसान कल्याण विभाग की घोषणाओं की समीक्षा करते हुए अधिकारियों को निर्देश दिए कि सब्सिडी से जुड़ी सभी योजनाओं का डाटाबेस नियमित रूप से अद्यतन रखा जाए, ताकि योजनाओं का लाभ पारदर्शी रूप से किसानों को सुनिश्चित हो सके।