एसबी ब्यूरो प्रमुख गौतम कुमार झा
वाराणसी। अन्नपूर्णा मंदिर में कुंभाभिषेक नौदिवसीय अनुष्ठान के दूसरे दिन शंकराचार्य विधु शेखर भारती स्वामी जी महंत शंकपुरी महराज ने रजत कलश दिया और श्री महंत सुभाष पूरी ने माला अर्पित कर स्वागत किया, साथ ही सैकड़ो की संख्या मे बटुको ने मन्त्रों के साथ उनका स्वागत किया।
शंकराचार्य कुकुमार्चन में शामिल हुए, माता का सविधि दर्शन पूजन कर महादेव के उद्घोष के बीच मंदिर प्रांगण मे रजत सिंहासन पर विराजमान हुये। महंत समेत विद्वानो ने मंत्रो चार के साथ उनका नमन किया, बैठे भक्तों को हाथ उठा कर आशीर्वाद दिया। मंदिर में रहें महा गणपति मोदक हवन कुंड के पास गये वहा मंत्रो के बीच शंकराचार्य ने हवन कुंड मे मोदक अर्पित कर एक फेरी लगाए। मंदिर के श्री महंत और महंत ने शंकराचार्य को विशेष भेट दे कर आशीर्वाद लिए। शंकराचार्य 80 मिनट मंदिर मे रहें अनुष्ठान व पूजा पाठ के बाद अपने गंतव्य को प्रस्थान किए।
नौदिवसीय महा अनुष्ठान मे शंकराचार्य के भव्य शोभायात्रा के बाद अन्नपूर्णा मंदिर में भव्य स्वागत किया गया। इससे पहले पांच रजत कलश के साथ सैकड़ो की संख्या मे महिलाये कलश लेकर मंदिर से गेट नम्बर एक ढूंढिराज गणेश जी को नमन करते हुये दशाश्व मेघ पहुंची। रास्ते भर शंखनाद शहनाई बजाते हुये माता का जयकारा करते हुये सैकड़ो भक्तों के साथ मंदिर महंत शंकर पुरी व श्री महंत सुभाष पुरी घाट पहुंचे। वहां 101 वैदिक ब्राह्मणों ने नौ विग्रह प्रशांनंदी श्री गंगा पूजन शुरू करवाई जो लगभग एक घंटे तक चली इसके बाद माँ गंगा को महंत ने दूध व माता की चुनरी अर्पित किया नमन कर सैकड़ो भक्तों के साथ भव्य जलायात्रा के साथ मंदिर गये। महंत जी ने सभी भव्य शोभायात्रा में शामिल हुई महिलाओं को माता की चुनरी भेट किया सभी महिलायें व पधारे भक्तगण माता का प्रसाद ग्रहण कर निकले।
मुख्य रूप से इनकी रही उपस्थिति: पूरे कार्यक्रम के दौरान अन्नपूर्णा मठ मंदिर के महंत शंकर पुरी, श्री महंत सुभाष पूरी श्रृंगेरी मठ के प्रबंधक, प्रोफेसर रामनारायण द्विवेदी, चेल्ला सुब्बा राव, पं विशेश्वर शास्त्री द्रविड़, प्रोफेसर राजाराम शुक्ल, अनिल नारायण किंजवडेकर, चंद्रमौली उपाध्याय, बृजभूषण ओझा, चेल्ला जगन्नाथ प्रसाद, के वेंकट रमण, वीएस मणी, के.वी नारायणन, षडानन पाठक, प्रदीप श्रीवास्तव, राकेश तोमर समेत गणमान्य जन रहें।