एसबी संवाददाता
वाराणसी। अन्नपूर्णा मंदिर में चल रहे नौ दिवसीय कुमाभिषेक महाअनुष्ठान के चौथे दिन शंकराचार्य विधु शेखर भारती स्वामी जी अन्नपूर्णा मंदिर पहुंचे। इससे पहले ढूंढिराज गणपति का दर्शन किए। अन्नपूर्णा मंदिर प्रवेश द्वार पर शहनाई व मंत्रो चार के बीच शंकराचार्य का स्वागत हुआ। महंत शंकरपुरी ने कलश देकर स्वागत कर माला अपर्ण किया उस दौरान पुष्पा वर्षा के साथ मंत्र संखनाद गुज रहें थे। शिखर को नमन करते हुए गर्भ गृह में गए जहां देवी अन्नपूर्णा को नमन कर एक वस्त्र भेट किये और पूजन के बाद भगवती की आरती उतारी। मंदिर में सूर्य नारायण विग्रह का शविधि दर्शन कर सूर्य नरायण भगवान की आरती उतारी, फिर बाहर दीवाल पर बने अन्नपूर्णा देवी के चित्र को देख प्रभावित हुये। मंदिर भ्रमण करते हुये मंदिर के छत पर जा कर स्वर्ण शिखर निहारे और नमन किए।
नव दिवसीय अनुष्ठान में कुमकुमअर्चम पूजा के अवलोकन पश्चात मंदिर में मौजूद यंत्रश्वर महादेव का दर्शन कर अपने गंतव्य को प्रस्थान किए।
अनुष्ठान के कार्यक्रम में मौजूदगी: वेद से ये रहें प्रो पतंजलि मिश्र, पुराण से ये रहें प्रो माधव जनार्दन रटाटे, सयोजक डा राम नरायण द्विवेदी, रमाशंकर पांडे, प मनीकुमार झा यजूर वेद, श्रीकांत पाठक यजूरवेद, अनंत भट्ट ऋग्वेद, बलंदुनाथ मिश्र श्यामवेद, श्रीनिवास पूरनिक जी काणव वेद, प गोपाल रटाटे अथर्व वेद, मंदिर से रहें नीलकंठ से आये शिवानंद गिरी, प्रदीप श्रीवास्तव, धीरेन्द्रसिंह, राकेश तोमर व मंदिर परिवार रहा।
श्रृंगेरी मठ से मौजूदगी: यज्ञ शुबर्मनियम, पी ए मुरली, चल्ला अन्नपूर्णा प्रसाद, चल्ला जगरनाथ प्रसाद, चल्ला विद्याशंकर, चल्ला अभिनव, चल्ला चिंतामणि गणेश, केवी रमन, आर शिवा अनंत, शेखर द्रविन राघव घनपाठी श्रीनिवास पुराणिक, पाण्डुर्म पुराणिक उतकर्ष रटाटे रहें।