एसबी विशेष संवाददाता
करनाल। भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) ने प्रदेश सरकार पर वापिस लिए गए तीन कृषि कानूनों को नए रूप में लागू करने का आरोप लगाया है। घरौंडा के कैमला रोड पर भाकियू ब्लॉक कार्यालय पर भाकियू ने सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए आंदोलन की रणनीति तैयार की।
बैठक की अध्यक्षता ब्लॉक प्रधान धनेतर राणा ने की। वहीं बैठक में पहुंचे प्रदेश अध्यक्ष रतनमान ने कहा कि सरकार कृषि विपणन बाजार नीति के जरिए किसानों, आढ़तियों और मंडियों के अस्तित्व को खत्म करने का प्रयास कर रही है। जो किसानों के हित में नही है। उन्होंने कहा कि भाकियू की ओर से प्रदेशभर में किसानों को जागरूक किया जा रहा है। इस किसान विरोधी नीति के विरोध में आने वाली 11 मार्च को प्रदेशभर में जिला सचिवालयों पर प्रदर्शन कर मुख्यमंत्री के नाम जिला उपायुक्तों को ज्ञापन सौंपा जाएगा। भाकियू ने चेतावनी दी कि अगर प्रदेश सरकार ने इस नीति को वापस नहीं लिया तो आंदोलन को और तेज किया जाएगा।
भाकियू प्रदेश अध्यक्ष रतनमान ने कहा कि भाजपा सरकार किसानों के साथ धोखा कर रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार औद्योगिक घरानों के फायदे के लिए यह नीति ला रही है। जिससे अनाज मंडियों का अस्तित्व खत्म हो जाएगा। उन्होंने कहा कि सरकार को चाहिए कि वह मंडियों के विस्तार पर ध्यान दे। इसके बजाय उन्हें कमजोर किया जा रहा है। रतनमान ने कहा कि भाजपा सरकार उद्योगपतियों के 14 लाख करोड़ रुपये के कर्ज माफ कर सकती है, लेकिन किसानों और आम जनता पर भारी टैक्स लगाकर उनकी कमर तोड़ रही है। पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों और महंगाई से हर नागरिक परेशान है। लेकिन सरकार आम लोगों की समस्याओं को नजरअंदाज कर रही है।
भाकियू ने मांग की है कि मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी पंजाब सरकार की तर्ज पर इस नीति को आनेवाले बजट सत्र में रद्द करके केंद्र सरकार को लौटा दें। उन्होंने कहा कि अगर सरकार ने किसानों की मांग नहीं मानी तो पूरे प्रदेश में बड़ा आंदोलन खड़ा किया जाएगा। गांव से लेकर प्रदेश स्तर तक विरोध प्रदर्शन होगा और इसकी जिम्मेदारी पूरी तरह भाजपा सरकार की होगी।
इस मौके पर जिलाध्यक्ष सुरेंद्र, प्रदेश संगठन सचिव श्याम सिंह मान, जिला महासचिव सुरेंद्र बैनीवाल, कंवर सिंह राणा, संदीप राणा, विनोद राणा कालरम, शुभम राणा, लक्ष्मण दास, बारूराम, बजिंद्र व अन्य मौजूद रहे।