(एजेन्सी)/नई दिल्ली। दिल्ली चुनाव 2025 के लिए वोटिंग 5 फरवरी को होने वाली हैं। 70 सदस्यीय दिल्ली विधानसभा का कार्यकाल 23 फरवरी को समाप्त हो रहा है। 8 फरवरी को दिल्ली चुनाव के नतीजे आएंगे। भारत निर्वाचन आयोग द्वारा घोषित कार्यक्रम के अनुसार, दिल्ली में मतदान सुबह 7 बजे से शुरू होगा। पात्र मतदाता निर्धारित मतपत्र में अपना वोट डाल सकेंगे। दिल्ली में अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली आम आदमी पार्टी लगातार तीसरे कार्यकाल का लक्ष्य बना रही है। वहीं, लंबे इंतजार के बाद दिल्ली की गद्दी पर कब्जा जमाने के लिए भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) कड़ी टक्कर दे रही है। कांग्रेस दिल्ली में फिर से उभरने की उम्मीद लगाए हुए हैं।
निर्वाचन आयोग ने शांतिपूर्ण मतदान सुनिश्चित करने के लिए अर्धसैनिक बलों की 220 कंपनियां, दिल्ली पुलिस के 35,626 जवान और 19,000 होमगार्ड तैनात किए हैं। लगभग तीन हजार मतदान केंद्रों को संवेदनशील के रूप में चिह्नित किया गया है और इनमें से कुछ स्थानों पर ड्रोन निगरानी समेत विशेष सुरक्षा व्यवस्था की गई है। दिल्ली पुलिस के अनुसार, संवेदनशील मतदान केंद्रों पर अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किए जाएंगे। उसने बताया कि कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए त्वरित प्रतिक्रिया दल (क्यूआरटी) भी तैनात रहेंगे।
बुधवार को सुबह सात बजे से 1.56 करोड़ से अधिक मतदाता अपने मताधिकार का इस्तेमाल करेंगे। सभी 70 विधानसभा क्षेत्रों में 13,766 मतदान केंद्रों पर मतदान होगा, जिसमें 699 उम्मीदवारों की चुनावी किस्मत का फैसला होगा। यह मुकाबला राष्ट्रीय राजधानी के राजनीतिक परिदृश्य को नया रूप दे सकता है। अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में आप अपनी कल्याणकारी योजनाओं के दम पर लगातार तीसरी बार सत्ता में आने की कोशिश कर रही है। दूसरी ओर, भाजपा 25 वर्षों से अधिक समय के बाद राजधानी में फिर से सरकार बनाने का प्रयास कर रही है। दिल्ली में 2013 तक 15 साल तक शासन करने वाली कांग्रेस पिछले दो विधानसभा चुनाव में एक भी सीट जीतने में विफल रहने के बाद वापसी की कोशिश कर रही है।
दूसरी ओर, भाजपा ने गर्भवती महिलाओं के लिए 21,000 रुपये की वित्तीय सहायता और 500 रुपये में सब्सिडी वाले रसोई गैस सिलेंडर देने का वादा किया है, जबकि कांग्रेस ने 8,500 रुपये का मासिक बेरोजगारी भत्ता देने की प्रतिबद्धता जताई है। आठ फरवरी को आने वाले चुनाव परिणामों से साफ होगा कि क्या ‘आप’ अपनी सरकार बरकरार रख पाती है, भाजपा अपनी हार का सिलसिला तोड़ पाती है या कांग्रेस कोई चौंकाने वाला नतीजा दे पाती है।