एसबी संवाददाता
चंडीगढ़। हरियाणा के स्वास्थ्य विभाग ने प्रदेश के सिविल अस्पतालों के आधुनिकीकरण की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम उठाते हुए इन अस्पतालों को निजी स्वास्थ्य सुविधाओं के मानकों के अनुरूप उन्नत करने के लिए एक परिवर्तनकारी पहल शुरू की है। यह पहल हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी द्वारा की गई बजट घोषणा को पूरा करने की दिशा में एक अहम कदम है। यह दूरदर्शी प्रयास सिविल अस्पतालों के बुनियादी ढाँचे के नवीनीकरण पर केंद्रित है, जिसमें शौचालय की मरम्मत से लेकर सफेदी और रंग-रोगन शामिल है। इसका उद्देश्य रोगियों को स्वच्छ वातावरण उपलब्ध करवाना है।
यह जानकारी यहाँ मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी की अध्यक्षता में आयोजित में जिला सिविल अस्पतालों की समीक्षा बैठक में दी गई। बैठक में बताया गया कि पंचकूला, जींद, गुरुग्राम, कैथल, मांडीखेड़ा (नूंह), रेवाड़ी, सिरसा और कुरुक्षेत्र सहित 8 सिविल अस्पतालों में विशेष मरम्मत और नवीनीकरण का कार्य शुरू हो चुका है। इसके अलावा, अंबाला, भिवानी, पलवल, करनाल, पानीपत, सोनीपत, झज्जर, नारनौल, फतेहाबाद, फरीदाबाद, रोहतक, हिसार और चरखी दादरी सहित 13 जिला अस्पतालों में भी जल्द ही कार्य शुरू किया जाएगा। इस योजना के तहत बिजली की मरम्मत, बेहतर लाइटिंग व्यवस्था और रोगी देखभाल तथा कर्मचारियों की कार्यकुशलता में सुधार के लिए विश्वसनीय एयर कंडीशनिंग आदि आवश्यक सुविधाओं का सुदृढ़ीकरण शामिल है।
आंतरिक सड़कों की मरम्मत और अस्पताल के संकेतों को ठीक करने जैसे व्यावहारिक सुधारों से आवागमन आसान होगा और आगंतुकों और स्वास्थ्य कर्मियों, दोनों के लिए एक बेहतर वातावरण तैयार होगा। अस्पताल भवनों के सुधारीकरण के साथ-साथ अग्निशमन सुविधाओं को मजबूत किया जायेगा। इसके अलावा बागवानी सुधारों के माध्यम से अस्पताल परिसरों में हरियाली लाई जाएगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने सदन में राज्य भर के सभी सिविल अस्पतालों के आधुनिकीकरण और उन्हें मरीजों के लिए आधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित करने की घोषणा की है। उन्होंने राज्य सरकार की इस प्रतिबद्धता पर जोर दिया कि सिविल अस्पतालों में आने वाले हर मरीज को सभी जरूरी सेवाएँ मिलें। उन्होंने कहा कि सभी सिविल अस्पतालों को उन्नत उपचार सुविधाओं से सुसज्जित किया जा रहा है ताकि लोगों को इलाज के लिए निजी अस्पतालों में न जाना पड़े।
मुख्यमंत्री ने जिÞला अस्पतालों में मरीजों के लिए उपलब्ध सेवाओं की भी समीक्षा की, जिनमें निजी कक्ष, सीटी स्कैन, अल्ट्रासाउंड, एमआरआई, स्वचालित प्रयोगशालाएँ, ब्लड बैंक और एक्स-रे शामिल हैं। उन्होंने निर्देश दिया कि मरीजों को निर्बाध सेवाएँ प्रदान करने के लिए सभी मशीनों को अच्छी स्थिति में रखा जाए। उन्होंने इन मशीनों को प्रभावी ढंग से संचालित करने के लिए पर्याप्त कर्मचारियों की उपलब्धता सुनिश्चित करने की आवश्यकता पर भी जोर दिया।