संजना भारती संवाददाता
चंडीगढ़। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विज्ञान भवन दिल्ली में में आयोजित सिविल सर्विस दिवस के अवसर पर भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों की, समाज के प्रति उत्कृष्ट सेवाओं को ध्यान में रखते हुए उनको प्रधानमंत्री पुरस्कार देकर सम्मानित किया गया और भारतीय प्रशासनिक सेवा के वर्ष 2014 बैच के महाराष्ट्र कैडर के वरिष्ठ अधिकारी तथा नाशिक जिला कलेक्टर और चण्डीगढ़ निवासी, जलज शर्मा को महादेव भगवान शिव की नगरी नाशिक शहर के होलिस्टिक दृष्टि से सर्वांगीण विकास करने के लिए वर्ष 2023 का प्रधानमंत्री पुरस्कार देकर दिया गया है।
प्रधानमंत्री मंत्री नरेंद्र मोदी ने भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों को 17वे लोक सिविल सेवा दिवस पर प्रधानमंत्री पुरस्कार हासिल करने वालों को सम्बोधित करते हुए कहा कि प्रशासनिक अधिकारियों का आह्वान किया कि वह ईमानदारी, अनुशासन और समर्पण की भावना से दिन-रात काम करते हुए देश के लक्ष्यों को हासिल करने के लिए और भारत देश को विकसित भारत बनाने के लिए सरदार वल्लभ भाई पटेल के विजन को आगे बढ़ाते हुए कार्य करें क्योंकि सरदार वल्लभभाई पटेल का विजन आज भी प्रासंगिक है। उन्होंने सरदार बल्लभभाई पटेल को भावभीनी श्रद्धासुमन अर्पित करते हुए याद दिलाया कि लाल किले से कुछ समय पहले, उन्होंने कहा था कि आने वाले भारत के लिए 1000 वर्षों की नींव मजबूत करने के लिए एक विजन तैयार करना है और इसमें से सहस्राब्दी के 25 वर्ष तो बीत गए और इस शताब्दी के भी 25 वर्ष बीत गए हैं। उन्होंने जोर देकर कहा कि आज हम जिन नीतियों पर कार्य कर रहे हैं और जो निर्णय ले रहे हैं, वह आने वाले 1000 वर्षों का भविष्य तय करने वाले हैं और इसको ध्यान में रखते हुए ही यह निर्णय लिए जा रहे हैं।
प्रधानमंत्री ने स्पष्ट किया कि जिस प्रकार से एक चक्र के पहिये से रथ नहीं चलता है,उसी प्रकार से बिना मेहनत के और भाग्य के सहारे विकास की कल्पना भी नहीं की जा सकती है। इसलिए विकसित भारत के विकास रथ को मिल कर, हर दिन,दृढ़ प्रतिज्ञ होकर हर क्षण,हर पल अपने लक्ष्य पर कार्य करते हुए और अपने लक्ष्य को हासिल करने के लिए काम करना है और सारी जिंदगी इसी में खपानी है। उन्होंने कहा कि आज सारी दूनिया बड़ी तेजी से बदल रही है और आज 10-15 साल के बच्चे से परिवार के लोग जिस समय बात करते हैं तो वह उनको आउटडेटिड समझता है। आज समय बड़ी तेजी से बदल रहा है और दो तीन साल के छोटे-छोटे बच्चे भी, इस बदलाव से अछूते नहीं हैं और आज गैजेट भी दो तीन साल में तेजी से बदल रहा है। इसलिए हमारा कामकाज, नीति निर्धारण और हमारी ब्यूरोक्रेसी भी पुराने ढर्रे पर नहीं चल सकती है और देश में सन् 1947 के बाद व्यवस्था में बहुत अधिक तेजी से परिवर्तन आया है और इस परिवर्तन के महायज्ञ में हम अपने आपको तेजी से ढाल रहे हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि आज भारत की एसप्रेशनल सोसायटी, युवा, किसान और महिलाओं के सपनों की उड़ान अभूतपूर्व ऊंचाई पर है और इन अभूतपूर्व आंकाक्षाओं को हासिल करने के लिए इसे आने वाले वर्षों में भी इस अभूतपूर्व गति को यथासंभव रुप से जारी रखना परमावश्यक है और देश का परचम और अधिक ऊंचाइयों पर लहराना है। उन्होंने कहा कि आने वाले वर्षों में अनेकों ऐसे क्षेत्र हैं, जिन सैक्टरों में, काम करना है उनमें में इनर्जी सुरक्षा, क्लीन इनर्जी, खेल और अन्तरिक्ष शामिल है। आज पूरी दुनिया को तेज गति से बदलते हुए देख रहें हैं और इसी लिए समय के अनुसार अपने आप को परिवर्तित करने से ही हम देश के विकास में भागीदार बन सकते हैं।