
संजना भारती/पीआईबी
भागलपुर। किसानों के कल्याण को सुनिश्चित करने की अपनी प्रतिबद्धता के अनुरूप, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बिहार के भागलपुर से पीएम किसान की 19वीं किस्त जारी की। उन्होंने इस अवसर पर कई विकास परियोजनाओं का भी शुभारंभ किया। श्री मोदी ने सभी गणमान्य व्यक्तियों और कार्यक्रम में वर्चुअल रूप से शामिल हुए लोगों का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि महाकुंभ के पवित्र काल में मंदराचल की धरती पर कदम रखना सौभाग्य की बात है। उन्होंने कहा कि इस स्थान में आध्यात्मिकता, विरासत के साथ-साथ विकसित भारत की क्षमता भी है।
श्री मोदी ने कहा कि यह शहीद तिलका मांझी की भूमि होने के साथ-साथ सिल्क सिटी के रूप में भी प्रसिद्ध है। उन्होंने कहा कि बाबा अजगैबीनाथ की पावन धरती पर आगामी महाशिवरात्रि की भी तैयारियां चल रही हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे पवित्र अवसर पर पीएम किसान की 19वीं किस्त जारी करना उनके लिए सौभाग्य की बात है और प्रत्यक्ष लाभ अंतरण के माध्यम से लगभग 22,000 करोड़ रुपये सीधे किसानों के बैंक खातों में जमा किए गए। वहीं प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि अगर एनडीए सरकार ना होती तो बिहार सहित देशभर के मेरे किसान भाई-बहनों को पीएम किसान सम्मान निधि ना मिलती, बीते 6 साल में इसका एक-एक पैसा सीधे हमारे अन्नदाताओं के खाते में पहुंचा है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि बिहार के लगभग 75 लाख किसान परिवार पीएम किसान योजना के लाभार्थी हैं, जिनकी 19वीं किस्त आज जारी की गई। उन्होंने कहा कि आज बिहार के किसानों के बैंक खातों में लगभग 1,600 करोड़ रुपये सीधे जमा किए गए। उन्होंने बिहार और देश के अन्य हिस्सों के सभी किसान परिवारों को हार्दिक शुभकामनाएं दीं। लाल किले से अपने भाषण के शब्दों को दोहराते हुए, श्री मोदी ने कहा, विकसित भारत के चार मुख्य स्तंभ हैं: गरीब, किसान, युवा और महिलाएं। उन्होंने कहा कि चाहे केंद्र हो या राज्य सरकार, किसानों का कल्याण प्राथमिकता बनी हुई है। श्री मोदी ने कहा, हमने पिछले एक दशक में किसानों की हर समस्या को हल करने के लिए पूरी ताकत से काम किया। उन्होंने कहा कि किसानों को अच्छे बीज, पर्याप्त और सस्ती खाद, सिंचाई की सुविधा, अपने पशुओं को बीमारियों से बचाने और आपदाओं के दौरान नुकसान से बचाने की जरूरत है। पहले, किसान इन मुद्दों से त्रस्त थे। प्रधानमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार ने इस स्थिति को बदल दिया है, उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि हाल के वर्षों में किसानों को सैकड़ों आधुनिक बीज किस्में उपलब्ध कराई गई हैं। उन्होंने कहा कि पहले किसानों को यूरिया के लिए संघर्ष करना पड़ता था और कालाबाजारी का सामना करना पड़ता था, जबकि आज किसानों को पर्याप्त खाद मिल रही है।
श्री मोदी ने इस बात पर प्रकाश डाला कि महामारी के बड़े संकट के दौरान भी, सरकार ने सुनिश्चित किया कि किसानों के लिए खाद की कोई कमी न हो। उन्होंने कहा कि अगर उनकी सरकार नहीं चुनी गई होती, तो किसान अभी भी खाद के लिए संघर्ष कर रहे होते। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि बरौनी उर्वरक संयंत्र अभी भी बंद होता और भारतीय किसानों को 300 रुपये प्रति बैग से कम कीमत पर मिलने वाले उर्वरक कई देशों में 3,000 रुपये प्रति बैग में बेचे जा रहे हैं। प्रधानमंत्री ने इस बात पर प्रकाश डाला कि उनकी सरकार ने यह सुनिश्चित किया है कि यूरिया बैग, जिसकी कीमत 3,000 रुपये होती, आज सस्ती कीमत पर उपलब्ध हो। उन्होंने कहा कि सरकार किसानों के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है और उनके लाभ के लिए काम करती है।