संजना भारती संवाददाता
दलसिंहसराय (समस्तीपुर)। स्थानीय विशेश्वर नाथ महादेव मंदिर जायजपट्टी दलसिंहसराय में सात दिवसीय भागवत कथा का आयोजन हरि शरनम परिवार की ओर से आयोजित भागवत कथा में वृंदावन से पधारे कथा वाचिका साध्वी प्राची जी ने भक्तों को कथा श्रवण कराते हुए कहा कि समस्त पापियों का उद्धार करने वाली है। यह भागवत कथा, जो सच्चे मन से कथा का रसास्वादन कर लेता है। उसे भगवान का बैकुंठ प्राप्त होता है। भगवान की कथा धन बल से नहीं प्राप्त हो सकती है। बल्कि भगवान की कथा भगवान की कृपा बल से ही प्राप्त हो सकती है। अन्यथा मनुष्य चाहे जितना प्रयास कर ले भगवान की कथा नहीं श्रवण कर सकता है। जो भक्त भक्ति भाव से ओतप्रोत होकर भगवान की चरण सानिध्य को ग्रहण कर लेता है। उसके जन्म-जन्मांतर के पाप सदा सर्वदा के लिए समाप्त हो जाते हैं।
कथा वाचिका साध्वी ने कथा के तृतीय दिन अपने मुखारविंद से भक्तों को शिव पार्वती के विवाह की कथा का श्रवण कराते हुए कहा कि भगवान शिव की बारात जब हिमाचल पहुंची तो माता पार्वती के माता-पिता बरात में सम्मिलित भूत, प्रेत औघड़ को देखकर चकित रह गए।
कथा वाचिका ने बताया कि माता पार्वती के विवाह में उनकी तरफ से उच्च कुलों के राजा महाराजा शामिल हुए लेकिन शिव की ओर से कोई रिश्तेदार नहीं पहुंचा था। क्योंकि वे किसी भी परिवार से ताल्लुक नहीं रखते भागवत कथा में उपस्थित श्रद्धालुओं के समक्ष भगवान शिव और पार्वती विवाह का रोचक प्रसंग का व्याख्यान करते हुए कथावाचिका ने कहा कि शिव दुनिया के सबसे तेजस्वी थे। वे पार्वती को अपने जीवन का हिस्सा बनाने वाले थे। भगवान शिव एवं पार्वती की शादी में सभी देवी देवता और असुर भी वहां पहुंचे।
भगवान शिव एवं पार्वती के विवाह की कथा सुन पंडाल में उपस्थित महिला पुरुष भक्त श्रद्धालु भाव विभोर हो गए कथा के दौरान बीच-बीच में मनोहर गीत प्रस्तुत किया गया। शिव पार्वती के विवाह की प्रस्तुति से पंडाल पूरी तरह से भक्तिमय हो गया।
मौके पर सत्यनारायण चौधरी, प्रो. जयनारायण चौधरी, दिलीप कुमार चौधरी, रामबहादुर चौधरी, कृष्ण कुमार चौधरी, राजीव चौधरी बब्बू, शंभू चौधरी, मनोज कुमार चौधरी, चंद्रभूषण चौधरी, शशि भूषण चौधरी, बिक्रम कुमार, बीर बहादुर चौधरी, सोनू चौधरी, राजू चौधरी, अभिलाष गौतम, मनोज चौधरी, कृत रामायण चौधरी, गौतम कुमार चौधरी, आदि मौजूद थे।