(एजेन्सी)/नई दिल्ली। भारत 2025 में सभी को चौबीसों घंटे बिजली उपलब्ध कराने के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए अधिक कोयला आधारित और पनबिजली संयंत्र स्थापित करेगा तथा पारेषण ढांचे को मजबूत करेगा। बढ़ती बिजली मांग को पूरा करने के लिए सरकार ने बिजली उत्पादन क्षमता में वृद्धि और पारेषण बुनियादी ढांचे के विस्तार के लिए एक बड़ी योजना तैयार की है। बिजली राज्यमंत्री श्रीपद येसो नाइक के अनुसार, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में मंत्रालय के सभी प्रयासों से भारत निश्चित रूप से सभी के लिए चौबीसों घंटे सातों दिन बिजली उपलब्ध कराने का लक्ष्य हासिल कर सकता है। नाइक ने पीटीआई-से कहा, हम यह कर सकते हैं। साल 2025 तक हम देश में सभी के लिए 247 बिजली उपलब्ध कराने के लक्ष्य पर पहुंच जाएंगे। उन्होंने कहा कि सरकार बढ़ती मांग को देखते हुए बिजली क्षेत्र की विस्तार योजना का समर्थन करने के लिए तैयार है। सरकारी अनुमानों के अनुसार, 2025 में गर्मियों के मौसम में बिजली की अधिकतम मांग 270 गीगावाट तक पहुंचने की संभावना है, जो मई, 2024 में 250 गीगावाट और सितंबर, 2023 के 243 गीगावाट के रिकॉर्ड उच्च स्तर से अधिक है। साल 2035 तक बिजली की अधिकतम मांग 446 गीगावाट के स्तर तक पहुंचने का अनुमान है। बिजली मंत्रालय ने राज्यों के साथ मिलकर 2031-32 तक लगभग 80 गीगावाट की योजना बनाई है। इसके अलावा, लगभग 14 गीगावाट की पनबिजली परियोजनाएं और 6,050 मेगावाट की पंप भंडारण परियोजनाएं (पीएसपी) निमार्णाधीन हैं। लगभग 24.22 गीगावाट की पनबिजली परियोजनाएं और 50.76 गीगावाट की पीएसपी योजना के विभिन्न चरणों में हैं और इन्हें 2031-32 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।