संजना भारती संवाददाता
नई दिल्ली। अखिल भारतीय भूमिहार ब्राह्मण महासंघ के द्वारा रविवार को दिल्ली के हिन्दू महासभा भवन सभागार में मकर संक्रान्ति मिलन समारोह एवं दही चिउड़ा भोज के अवसर पर महासंघ के द्वारा विवाह योग्य युवक युवतियों का डाटा संग्रह कर भूमिहार ब्राह्मण वर वधू डायरेक्टरी का प्रकाशन किया गया है जिसका लोकार्पण किया गया। महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री मनीष कुमार शेखर ने महासंघ के भविष्य की योजनाओं पर विस्तृत प्रकाश डाला। शेखर ने कहा कि भूमिहार ब्राह्मण होने का अर्थ है विश्व ब्रह्मांड के विकास एवं रक्षा की पुरी जिम्मेदारी लेकर चलना। शेखर ने कहा कि आने वाले समय में महासंघ अपने कार्यक्रम से भूमिहार ब्राह्मण ही नहीं बल्कि सभी जाति एवं वर्ग के विकास का मार्ग प्रशस्त करेगा।
भारतीय विश्वविद्यालय परिसंघ के अध्यक्ष कुलाधिपति डॉ प्रियरंजन त्रिवेदी ने शिक्षा के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि शिक्षा से ही समाज का विकास होगा। यूनाइटेड नेशन के पूर्व अधिकारी एवं इंदिरा गांधी टेक्नोलॉजीकल एंड मेडिकल साइंसेज यूनिवर्सिटी अरूणाचल प्रदेश के कुलाधिपति डॉ माकंर्डेय राय ने दहेज मुक्त विवाह का संकल्प दिलाया। समाजसेवी एवं सुप्रीम कोर्ट के वरीय अधिवक्ता श्री रामनगीना सिंह एवं इतिहासकार प्रोफेसर आनंद वर्धन ने भूमिहार ब्राह्मण समाज के गौरवशाली इतिहास की जानकारी दी। बिहार में भूमिहार ब्राह्मण जाति के नाम से ब्राह्मण हटाने के निर्णय के लिए निंदा की गई तथा प्रोफेसर आनंद वर्धन के प्रस्ताव पर सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि सरकार से संवाद कर सुधारवाने की लड़ाई लड़ी जाए।
इस अवसर पर महासंघ ने प्रबुद्ध सदस्यता अभियान की शुरूआत किया है जिसमें प्रथम प्रबुद्ध सदस्य के रूप में डॉ माकंर्डेय राय को सदस्यता दी गई जिन्हें दंडी स्वामी सहजानंद सरस्वती की लिखित 7 खंडों की पुस्तक का सेट भेंट किया गया। समारोह में अपना विचार व्यक्त करने वाले में प्रमुख रूप से विश्व हिन्दी परिषद के महासचिव डॉ विपीन कुमार, हिन्दू महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री मुन्ना कुमार शर्मा, सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता नवीन कुमार, दिनेश सिंह, राष्ट्र सृजन अभियान के अध्यक्ष प्रदुम्न कुमार सिन्हा, महात्मा अभेदानन्दजी, भूमंत्र ग्रुप के मुख्य सलाहकार ओमप्रकाश पाण्डेय, उद्योगपति राजीव चंचल, श्रीकांत सिंह, दिनकर शर्मा, सामाजिक कार्यकर्ता रचना शाही आदि प्रमुख हैं।
आगत अतिथियों एवं प्रतिभागियों का स्वागत करने वालों में स्वागत समिति के सदस्य के रूप में दिनेश कुमार सिंह, धनंजय कुमार, नरेंद्र कुमार, अमितेश आनंद, शशिरंजन कौशिक, अभिनंदन सिंह, ओंकार नाथ सिंह, रणजीत कुमार सिंह, निशांत कुमार सिंह, अमोद कुमार, कुंदन कुमार मधुकर आदि प्रमुख थे।