संजना भारती संवाददाता
चंडीगढ़। हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने घोषणा करते हुए कहा कि बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ अभियान के तहत राज्य की सभी महिला सरपंचों को उनके संबंधित गांवों का ब्रांड एंबेसडर बनाया जाएगा। इस पहल का उद्देश्य प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा पानीपत से शुरू किए गए अभियान में उनकी सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित करना है। उन्होंने कहा कि लिंगानुपात में सुधार के लिए अभियान के तहत वर्तमान राज्य सरकार द्वारा उठाए गए कदमों की पूरे देश में सराहना हो रही है। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी आज यहां महिला एवं बाल विकास विभाग की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। बैठक में महिला एवं बाल विकास विभाग मंत्री श्रीमती श्रुति चौधरी भी उपस्थित थीं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अगले पांच वर्षों में राज्य में 10,000 आंगनवाड़ी केन्द्रों को सक्षम आंगनबाड़ी केन्द्रों के रूप में विकसित किया जाएगा। 563 आंगनवाड़ी केन्द्रों को सक्षम आंगनवाड़ी केन्द्रों में अपग्रेड करने के लिए भारत सरकार से 563 लाख रुपये का अनुदान प्राप्त हुआ है। विभाग ने 2307 आंगनवाड़ी केन्द्रों को अपग्रेड करने का एक अन्य प्रस्ताव भी भारत सरकार को भेजा है। उन्होंने कहा कि लोगों में जागरूकता बढ़ाने के साथ-साथ पीएनडीटी एक्ट 1994 के प्रावधानों को सख्ती से लागू किया जाना चाहिए। उन्होंने लोगों को बालिकाओं को बचाने के लिए प्रेरित करने के लिए गांवों में नुक्कड़ नाटक और अन्य कार्यक्रम आयोजित करने के भी निर्देश दिए। उन्होंने यह भी प्रस्ताव रखा कि इन कार्यक्रमों में गांव की सभी महिलाओं को आमंत्रित किया जाना चाहिए, जिन्हें समुदाय की सबसे बुजुर्ग महिलाएं संबोधित करें। लिंग जाँच के लिए हैंडहेल्ड यूएसजी मशीनों के इस्तेमाल पर चिंता जताते हुए मुख्यमंत्री ने इस अवैध काम में शामिल लोगों पर नजर रखने और उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के लिए प्रभावी रणनीति तैयार करने के निर्देश दिए।
4000 आंगनवाड़ी केन्द्रों शिक्षा और पोषण के केन्द्रों में बदला गया: बैठक में बताया गया कि महिला एवं बाल विकास मंत्रालय द्वारा 10 से 12 जनवरी, 2025 तक राजस्थान के उदयपुर में आयोजित चिंतिन शिविर में भी विभाग की परिवर्तनकारी पहल की सराहना की गई। हरियाणा के प्ले स्कूल मॉडल ने 4000 से अधिक आंगनवाड़ी केन्द्रों को खेल-आधारित शिक्षा और पोषण के केन्द्रों में बदल दिया है, जिससे 41,000 से अधिक बच्चों को लाभ मिला है। हरियाणा क्रेच मॉडल ने आंगनवाड़ी-सह-क्रेच और स्टैंडअलोन क्रेच का एक नेटवर्क स्थापित किया है, जो 7500 बच्चों का समर्थन करता है और कामकाजी माताओं को सशक्त बनाता है। इसके अलावा, मौजूदा 355 सांस्कृतिक केन्द्रों को महिला चौपाल के रूप में पुनर्जीवित करने का प्रस्ताव है।
बैठक में मुख्य सचिव डॉ. विवेक जोशी, मुख्यमंत्री के मुख्य प्रधान सचिव श्री राजेश खुल्लर, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री सुधीर राजपाल, मुख्यमंत्री के अतिरिक्त प्रधान सचिव डॉ. साकेत कुमार सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।