संजना भारती संवाददाता
चंडीगढ़। हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने शहीद उधम सिंह जी के शहीदी दिवस पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि भारत की स्वतंत्रता की लड़ाई में उनका बलिदान राष्ट्रभक्ति, साहस और आत्मबलिदान का अप्रतिम उदाहरण है। उधम सिंह जी ने भारत माता की आजादी के लिए अपना सर्वस्व न्योछावर कर दिया। ‘जंग-ए-आजादी’ के इतिहास में आज भी उनका नाम स्वर्ण अक्षरों में अंकित है। आज का दिन हमें प्रेरणा देता है कि हम भी उनके आदर्शों को आत्मसात कर राष्ट्र निर्माण में सक्रिय भूमिका निभाएं।
मुख्यमंत्री वीरवार को सिरसा में मुख्य धाम बाबा भूमणशाह जी (संगर सरिस्ता) में शहीद उधम सिंह के शहीदी दिवस पर आयोजित समारोह को संबोधित कर रहे थे। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने पंचकूला में कम्बोज सभा को प्लॉट देने की घोषणा की। साथ ही, फतेहाबाद, कैथल और जगाधरी में प्लॉट लेने हेतु सभा द्वारा आवेदन करने उपरांत उन्हें प्राथमिकता के आधार पर प्लॉट प्रदान किया जाएगा। इसके आलावा, मुख्यमंत्री ने हिसार के गाँव बाड़ा सुलेमान का नाम उधमपुरा करने की भी घोषणा की। बाबा भूमण शाह मुख्य धाम की भूमि पर उनके नाम से राजकीय आयुर्वेदिक महाविद्यालय एवं अस्पताल का निर्माण करवाने की मांग पर मुख्यमंत्री ने कहा कि इसकी फिजिबिलिटी चैक करवाकर इसे पूरा करने का काम किया जाएगा। इसके अलावा, घग्गर नदी से रंगोई नाला निकालकर गांव रामपुरा ढाणी से गुजरता हुआ बनाया जाने की मांग पर मुख्यमंत्री ने इसकी फिजिबिलिटी चेक करवा कर पूरा करवाने की घोषणा की। ओबीसी वर्ग में क्लास-1 व क्लास-2 श्रेणी की नौकरियों में आरक्षण की मांग पर मुख्यमंत्री ने कहा कि इस बारे ओबीसी आयोग को अवगत करा कर लागू कराने का काम किया जाएगा। इनके अलावा, अन्य मांगों को संबंधित विभागों में फिजिबिलिटी चैक करवाने हेतु भेजा जाएगा।
श्री नायब सिंह सैनी ने राष्ट्र नायक शहीद उधम सिंह जी को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि शहीद उधम सिंह जी ने असत्य, अन्याय और शोषण के विरुद्ध संघर्ष करते हुए आज के ही दिन वर्ष 1940 में शहादत पाई। उनकी कुबार्नी ने आजादी के लिए देशवासियों में एक नई जागृति पैदा की। उन्होंने कहा कि इतिहास इस बात का गवाह है कि उधम सिंह, सरदार भगत सिंह, राजगुरु, सुखदेव, चंद्रशेखर आजाद तथा मदन लाल ढींगड़ा जैसे अनेक देशभक्तों ने भारत माँ की गुलामी की जंजीरों को तोड़ने के लिए कांटों भरा रास्ता चुना और उस पर चलकर कुर्बानियां देने का इतिहास रचा।
इस अवसर पर स्वामी ब्रह्मानंद जी, श्री महेश मुनी जी, महंत गोमती दास जी, महंत सागर नाथ जी, जर्मनी के सांसद श्री राहुल कम्बोज, उड़ीसा के पूर्व राज्यपाल प्रो. गणेशीलाल, पूर्व मंत्री श्री सुभाष सुधा, पूर्व मंत्री श्री करण देव कम्बोज, पूर्व सांसद श्रीमती सुनीता दुग्गल, पूर्व विधायक श्री दुड़ा राम सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।
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