एसबी विशेष संवाददाता/मदन पुरी
चंडीगढ़। अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की महासचिव, पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं सिरसा की सांसद कुमारी सैलजा ने कहा कि प्रदेश की भाजपा सरकार शिक्षा का बेडागर्क करने पर तुली हुई है। भाजपा सरकारी सरकारी स्कूलों की ओर ध्यान देने के बजाए प्राइवेट स्कूलों को प्रोत्साहित कर रही है।
प्राइवेट स्कूलों के हाथों में शिक्षा जाने से गरीब वर्ग के बच्चे शिक्षा से वंचित हो जाएंगे जबकि शिक्षा हर नागरिक का मौलिक अधिकार है और सरकार इससे किसी को भी वंचित नहीं कर सकती। चिराग योजना के नाम पर बच्चों को प्राइवेट स्कूलों के हवाले करने से बेहतर होगा कि उन बच्चों को वहीं वातावरण सरकारी स्कूलों में ही उपलब्ध करवाया जाए। मीडिया को जारी बयान में कुमारी सैलजा ने कहा है कि प्रदेश में सरकारी स्कूलों की संख्या 14303 जबकि प्राइवेट स्कूलों की संख्या 9216 है यानि प्रदेश में 60. 82 प्रतिशत स्कूल सरकारी है जबकि 39.18 प्रतिशत स्कूल प्राइवेट है। सरकारी स्कूलों में बच्चों की संख्या 2146888 है जबकि प्राइवेट स्कूलों में यह संख्या 3153075 है यानि 40.51 प्रतिशत बच्चे सरकारी स्कूलों में और 59.49 प्रतिशत बच्चे प्राइवेट स्कूलों में पढ़ते है।
सरकारी स्कूलों की संख्या अधिक होने के बावजूद सबसे ज्यादा बच्चे प्राइवेट स्कूलों में पढ़ते है यानि अभिभावक मानते है कि उनके बच्चों को सरकारी स्कूलों में बेहतर शिक्षा नहीं मिल सकती अगर सरकार ने शिक्षा की गुणवत्ता की ओर ध्यान दिया होता तो बच्चे प्राइवेट स्कूलों की ओर रूख न करते। सरकार खुद मानती है कि अंबाला, सिरसा, फतेहाबाद और नूंह जिलों में शिक्षा को लेकर विशेष फोकस की जरूरत है, सरकार मानती है पर उस दिशा में कोई काम नहीं करती। नूंह पर तो सबसे अधिक ध्यान दिए जाने की जरूरत है।