संजना भारती संवाददाता/अरुण भारती
भागलपुर। शनिवार को तिलका मांझी भागलपुर विश्वविद्यालय के विधि विभाग में एक महत्वपूर्ण अकादमिक उपलब्धि दर्ज की गई। बाल श्रमिक आयोग के पूर्व अध्यक्ष डॉ. चक्रपाणि हिमांशु, जिन्होंने पहले ही इतिहास विषय में डॉक्टरेट उपाधि प्राप्त की थी, ने विधि विषय में भी अपने शोध प्रबंध की अंतिम मौखिक परीक्षा (वाइवा) सफलतापूर्वक संपन्न की। उनके शोध प्रबंध का विषय था-‘मानव अधिकार संरक्षण अधिनियम, 1993 के अंतर्गत मानवाधिकार के संरक्षण में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग की भूमिका: एक अध्ययन (1994-2021)’। इस शोध के माध्यम से उन्होंने मानवाधिकारों की सुरक्षा में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग की भूमिका का गहन अध्ययन प्रस्तुत किया, जो विधि क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण योगदान माना जा रहा है।
डॉ. चक्रपाणि हिमांशु ने अपना शोध डॉ. संजीव कुमार सिन्हा, प्रधानाचार्य, टी. एन. बी. विधि महाविद्यालय के मार्गदर्शन में पूरा किया। उनकी मौखिक परीक्षा आॅनलाइन माध्यम से आयोजित की गई, जिसमें प्रो. (डॉ.) आदेश कुमार, विधि विभागाध्यक्ष एवं डीन, इलाहाबाद विश्वविद्यालय, बाह्य परीक्षक के रूप में उपस्थित रहे। डॉ. चक्रपाणि हिमांशु की इस उल्लेखनीय उपलब्धि पर विश्वविद्यालय प्रशासन, शिक्षकों और शोधार्थियों ने उन्हें शुभकामनाएं दीं और उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की।
इस अवसर पर विभागाध्यक्ष अमित कुमार अकेला, डॉ. रमाशंकर, डॉ. धीरज कुमार मिश्रा, डॉ. सुनीता कुमारी, डॉ. बबीता कुमारी, डॉ. धर्मेंद्र कुमार, सुश्री बिन्नी कुमारी, डॉ. प्रशांत कुमार, अमित कुमार और डॉ. चंद्रशेखर आजाद सहित अन्य शिक्षकगण भी आॅनलाइन परीक्षा सत्र में उपस्थित रहे। यह सफलता डॉ. चक्रपाणि हिमांशु की शैक्षणिक उत्कृष्टता और विधि के क्षेत्र में उनके योगदान को रेखांकित करती है। उनकी इस उपलब्धि पर सभी ने हर्ष व्यक्त किया और उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की।