एसबी विशेष संवाददाता/मदन पुरी
चंडीगढ़। अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की महासचिव, पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं सिरसा की सांसद कुमारी सैलजा ने कहा कि एक अप्रैल 2016 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में आवास एवं शहरी मामलों के मंत्रालय ने प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण की शुरूआत की। इस योजना का लक्ष्य वर्ष 2022 तक उन लोगों को पक्का घर मुहैया कराना था, जिनके सिर पर छत नहीं है या जो झुग्गी-झोपड़ी में जीवन जीने को मजबूर हैं, पर सरकार की यह योजना भी पानी पी गई। हरियाणा में कांग्रेस राज में गरीबों को सौ-सौ वर्ग गज के प्लाट मुफ्त प्रदान किए गए थे पर आज भाजपा सरकार 100-100 गज के प्लाट देना तो दूर 30-30 और 50-50 वर्ग गज के प्लाट वो भी कलेक्टर रेट पर दे रही है। भाजपा को जनता से किया गया अपना एक एक वायदा पूरा करना चाहिए।
मीडिया को जारी बयान में कुमारी सैलजा ने कहा कि केंद्र सरकार की प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण के तहत पहले चरण में एक करोड़ दस लाख मकान बनाने का लक्ष्य रखा गया था पर सरकार 34 लाख ही मकान बना पाई। कुमारी सैलजा ने कहा कि देश के गरीब लोगों को पक्का घर मुहैया कराने के उद्देश्य से 1996 में इंदिरा आवास योजना के नाम से एक स्कीम शुरू की गई थी, जिसके तहत गरीब परिवारों को सौ सौ वर्ग गज के प्लॉट मुफ्त करवाए गए थे, इतना ही नहीं गांवों में सरकार ने आवंटियों को कब्जे भी दिलाए थे, मकान बनाने के लिए धन तक उपलब्ध करवाया गया था पर इसके बाद आई भाजपा की सरकार ने इस ओर कोई ध्यान ही नहीं दिया। 2016 में सरकार ने प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण की शुरूआत की। वर्ष 2022 तक उन लोगों को पक्का घर मुहैया कराना था, जिनके सिर पर छत नहीं है। या जो झुग्गी-झोपड़ी में जीवन जीने को मजबूर हैं। पर गरीबों को आज भी घर नहीं मिला।