संजना भारती संवाददाता
चंडीगढ़। हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि विधायी ड्राफ्टिंग तैयार करते समय केवल कानून की भाषा ही नहीं, बल्कि समाज की भावनाओं, जरूरतों और संभावनाओं पर भी विचार करना आवश्यक है। एक अच्छा विधायी ड्राफ्ट न केवल मौजूदा समस्याओं का समाधान करता है, बल्कि समाज को प्रगति की दिशा में भी ले जाता है। इसलिए विधायी प्रक्रियाओं में स्पष्टता, समानता और नागरिक भागीदारी को विशेष महत्व दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि हरियाणा सरकार ने लगातार यह सुनिश्चित करने का प्रयास किया है कि नीति निर्माण और कानून निर्माण की प्रक्रिया समावेशी और सशक्त हो। ई-गवर्नेंस के माध्यम से राज्य ने प्रशासन में पारदर्शिता लाई है तथा शिक्षा, स्वास्थ्य और महिला सशक्तिकरण जैसे क्षेत्रों में महत्वपूर्ण प्रगति की है। अब विधायी प्रक्रिया को और अधिक आधुनिक, समावेशी और सुलभ बनाने की दिशा में लगातार अग्रसर हैं।
मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी हरियाणा विधानसभा में 16 अप्रैल से 21 अप्रैल, 2025 तक आयोजित किए जा रहे 36वें अंतर्राष्ट्रीय विधायी प्रारूपण प्रशिक्षण कार्यक्रम के प्रतिभागियों को संबोधित कर रहे थे। यह प्रशिक्षण कार्यक्रम लोकसभा सचिवालय के संसदीय लोकतंत्र अनुसंधान एवं प्रशिक्षण संस्थान के सहयोग से आयोजित किया जा रहा है। इस पहल में 13 देशों के कुल 28 प्रतिभागी भाग ले रहे हैं। इस अवसर पर हरियाणा विधानसभा के अध्यक्ष श्री हरविंदर कल्याण भी उपस्थित थे। इस अवसर पर मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी और विधानसभा अध्यक्ष श्री हरविंदर कल्याण ने प्रशिक्षण कार्यक्रम के प्रतिभागियों को स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित भी किया।