एसबी संवाददाता
चंडीगढ़। हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने पर्यावरण संरक्षण, स्वस्थ और सतत भविष्य सुनिश्चित करने की दिशा में घोषणा करते हुए कहा कि राज्य सरकार ने इस वर्ष प्रदेशभर में 2.10 करोड़ पौधे लगाने का महत्वाकांक्षी लक्ष्य रखा है।
इस अवसर पर उन्होंने राज्य के लोगों से अधिक से अधिक पौधे लगाने का आह्वान करते हुए कहा कि इस मानसून के मौसम में प्रत्येक परिवार कम से कम एक पेड़ अवश्य लगाए। उन्होंने कहा कि ‘एक पेड़ माँ के नाम’ अभियान के पहले चरण में, हरियाणा में 1.60 करोड़ पौधों के तय लक्ष्य से भी अधिक 1.87 करोड़ पौधे लगाए जा चुके हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि नागरिकों के सहयोग से हम एक बार फिर इस लक्ष्य को पार कर लेंगे।
मुख्यमंत्री पंचकूला जिले के मोरनी में आयोजित राज्य स्तरीय वन महोत्सव को संबोधित कर रहे थे। इस मौके पर पर्यावरण, वन एवं वन्यजीव मंत्री राव नरबीर सिंह भी उपस्थित रहे। मुख्यमंत्री ने यह भी घोषणा की कि वन विभाग द्वारा शुरू किए गए वृक्षारोपण की हर साल ड्रोन का उपयोग करके जियो-टैगिंग और नियमित रूप से मैपिंग की जाएगी। हरियाणा में वन क्षेत्र बढ़ाने में योगदान देने के लिए इन पौधों के विकास की निगरानी पाँच वर्षों तक की जाएगी। अक्टूबर 2014 से, राज्यभर में लगभग 18 करोड़ पौधे लगाए जा चुके हैं।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने वन एवं वन्यजीव विभाग द्वारा प्रकाशित दो पुस्तिकाओं का विमोचन भी किया, जो मोरनी क्षेत्र में ईको-टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए हर्बल वाटिका और नेचर ट्रेल्स के विकास पर केंद्रित हैं। कालका विधायक श्रीमती शक्ति रानी शर्मा द्वारा रखी गई मांगों पर मुख्यमंत्री ने आश्वासन दिया कि संबंधित विभागों द्वारा फिजिबिलिटी चेक किए जाने के बाद विकास संबंधी सभी मांगों को पूरा किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि वन महोत्सव वृक्षों की सुरक्षा और क्षेत्र में पर्यटन को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। इस बात पर जोर दिया कि सरकार के अलावा, पर्यावरण संरक्षण में योगदान देना प्रत्येक व्यक्ति की सामूहिक जिम्मेदारी है। उन्होंने लोगों से कम से कम एक पौधा लगाने और कम से कम पाँच वर्षों तक अपने बच्चों की तरह उसकी देखभाल करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि पेड़ न केवल आॅक्सीजन प्रदान करते हैं, जो जीवन के लिए आवश्यक है, बल्कि जलवायु परिवर्तन से निपटने और प्रकृति के संतुलन को बहाल करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। उन्होंने कहा कि प्रगति की चाह में, कई पेड़ काटे गए हैं, जिससे प्राकृतिक संतुलन बिगड़ रहा है और प्रकृति व लोगों के स्वास्थ्य दोनों को नुकसान पहुँच रहा है। वन महोत्सव केवल वृक्षारोपण कार्यक्रम नहीं है; यह एक प्रतिबद्धता है जो हमें याद दिलाती है कि प्रकृति हमारा जीवन है और इसकी रक्षा हमारा परम कर्तव्य है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने मोरनी क्षेत्र के समग्र विकास को सुनिश्चित करने में कोई कसर नहीं छोड़ी है। वर्ष 2014 से अब तक कालका विधानसभा क्षेत्र में 2,446 करोड़ रुपये के विकास कार्य पूरे हो चुके हैं, जबकि कांग्रेस सरकार के 10 साल के कार्यकाल में केवल 304 करोड़ रुपये के ही काम हुए थे।