संजना भारती संवाददाता
चंडीगढ़। गोस्वामी तुलसीदास जयंती के पावन अवसर पर शुक्रवार को हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के निवास संत कबीर कुटीर पर राज्य स्तरीय समारोह का भव्य आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में प्रदेशभर से गोस्वामी समाज के प्रमुख प्रतिनिधियों सहित प्रदेश के कौने-कौने से आए बड़ी संख्या में लोगों ने भाग लिया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने समाज द्वारा रखी गई मांग पर बड़ी घोषणा करते हुए कहा कि गोसाईं समाज को केंद्रीय ओबीसी सूची में शामिल करने के लिए हरियाणा सरकार ओबीसी आयोग को पत्र लिखकर सूची में नाम शामिल करवाने के लिए अनुशंसा करेगी।
इसके अलावा, मुख्यमंत्री ने घोषणा करते हुए कहा कि प्रदेश में किसी एक चौक का नाम तथा हिसार में स्थापित किए जाने वाले बड़े पुस्तकालय का नाम गोस्वामी तुलसीदास जी के नाम पर रखा जाएगा। साथ ही, गोस्वामी समाज सभा की कुरुक्षेत्र में निर्माणाधीन धर्मशाला के लिए मुख्यमंत्री ने अपने ऐच्छिक कोष से 31 लाख रुपये देने की घोषणा की।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि यह समारोह हमारी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत, नैतिक मूल्यों और सामाजिक समरसता की एक गौरवमयी अभिव्यक्ति है। गोस्वामी तुलसीदास जी का नाम लेते ही मन में भक्ति, ज्ञान का भाव आ जाता है। वे मात्र एक कवि या संत दृष्टा ही नहीं थे, बल्कि उन्होंने ‘रामचरितमानस’ के माध्यम से भारतीय समाज को एक नई दिशा दी। जिस समय समाज में अनेक बुराइयां फैली हुई थीं, लोगों में निराशा का भाव था, तब तुलसीदास जी ने मयार्दा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम जी के आदर्शों को जन-जन तक पहुंचाया। उन्होंने कहा कि तुलसीदास जी की शिक्षाएं आज भी उतनी ही प्रासंगिक हैं। उनका साहित्य केवल भारत ही नहीं, बल्कि सारी मानवता के लिए प्रेरणा का स्रोत है और हमें उनके आदर्शों को जीवन में अपनाकर आदर्श समाज निर्माण की दिशा में कार्य करना चाहिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग को संवैधानिक दर्जा दिलाया है। ओ.बी.सी. वर्ग को अब मेडिकल एजुकेशन, सैनिक स्कूलों, केंद्रीय विद्यालय और नवोदय विद्यालयों में दाखिले में आरक्षण का लाभ दिया गया है। प्रधानमंत्री के “सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास” के मंत्र को आत्मसात करते हुए हरियाणा सरकार भी समाज के सभी वर्गों के कल्याण के लिए निरंतर कार्य कर रही है।
हरियाणा सरकार ने राज्य में पिछड़े वर्गों के उत्थान-कल्याण के लिए पिछड़ा वर्ग आयोग का गठन किया है। पिछड़ा वर्ग की क्रीमी लेयर आय सीमा को 6 लाख रुपये से बढ़ाकर 8 लाख रुपये वार्षिक किया है। उन्होंने कहा कि पंचायती राज संस्थाओं में पिछड़ा वर्ग (ए) को 8 प्रतिशत व पिछड़ा वर्ग (बी) को 5 प्रतिशत आरक्षण और पंच पद के लिए उनकी जनसंख्या के 50 प्रतिशत के अनुपात में आरक्षण दिया है। शहरी स्थानीय निकायों में भी पिछड़ा वर्ग बी को मेयर/ प्रधान के पदों में 5 प्रतिशत तथा सदस्यों के लिए सम्बंधित पालिका में उनकी जनसंख्या के 50 प्रतिशत के अनुपात में आरक्षण दिया है।